सरमा-ए-ए'तिबार दे दें तुम को
रंग-ए-हुस्न-ए-बहार दे दें तुम को
इस से बेहतर कि नित नए शिकवे हों
हर चीज़ का इख़्तियार दे दें तुम को
Anwar Masood
Ahmad Faraz
Gulzar
Mohsin Naqvi
Allama Iqbal
Jaun Eliya
Faiz Ahmad Faiz
Javed Akhtar
Mir Taqi Mir
Wasi Shah
Rahat Indori
Habib Jalib
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हर क़ल्ब पे बिजलियाँ गिराती आई
सरमाया-ए-ए'तिबार दे दें तुम को
तुम तेशा-ए-बाग़बाँ से क्यूँ मुज़्तर हो
फूलों से तमीज़-ए-ख़ार पैदा कर लें
मिलना किस काम का अगर दिल न मिले
नाला तेरा नाज़ से बाला है
अंदाज़-ए-जफ़ा बदल के देखो तो सही
अफ़्लास अच्छा न फ़िक्र-ए-दौलत अच्छी
अब दुश्मन-ए-जाँ ही कुल्फ़त-ए-ग़म साक़ी