ग़ालिब कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का ग़ालिब (page 20)
नाम | ग़ालिब |
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अंग्रेज़ी नाम | Mirza Ghalib |
जन्म की तारीख | 1797 |
मौत की तिथि | 1869 |
जन्म स्थान | Delhi |
बज़्म-ए-शाहंशाह में अशआर का दफ़्तर खुला
बाज़ीचा-ए-अतफ़ाल है दुनिया मिरे आगे
बस-कि दुश्वार है हर काम का आसाँ होना
बर्शिकाल-ए-गिर्या-ए-आशिक़ है देखा चाहिए
ब-नाला हासिल-ए-दिल-बस्तगी फ़राहम कर
बला से हैं जो ये पेश-ए-नज़र दर-ओ-दीवार
बहुत सही ग़म-ए-गीती शराब कम क्या है
बाग़ पा कर ख़फ़क़ानी ये डराता है मुझे
अज़-मेहर ता-ब-ज़र्रा दिल-ओ-दिल है आइना
'असद' हम वो जुनूँ-जौलाँ गदा-ए-बे-सर-ओ-पा हैं
अर्ज़-ए-नियाज़-ए-इश्क़ के क़ाबिल नहीं रहा
अर्ज़-ए-नाज़-ए-शोख़ी-ए-दंदाँ बराए-ख़ंदा है
अजब नशात से जल्लाद के चले हैं हम आगे
अफ़्सोस कि दंदाँ का किया रिज़्क़ फ़लक ने
आमद-ए-सैलाब-ए-तूफ़ान-ए-सदा-ए-आब है
आमद-ए-ख़त से हुआ है सर्द जो बाज़ार-ए-दोस्त
आईना क्यूँ न दूँ कि तमाशा कहें जिसे
आईना देख अपना सा मुँह ले के रह गए
आह को चाहिए इक उम्र असर होते तक
आबरू क्या ख़ाक उस गुल की कि गुलशन में नहीं
आ कि मिरी जान को क़रार नहीं है