तोहमत-ए-जुर्म-ओ-ख़ता हिर्स-ओ-हवा ग़फ़लत-ए-दिल
हम ने बाज़ार से हस्ती के लिया क्या क्या कुछ
Jaun Eliya
Gulzar
Anwar Masood
Mir Taqi Mir
Ahmad Faraz
Wasi Shah
Allama Iqbal
Habib Jalib
Parveen Shakir
Javed Akhtar
Rahat Indori
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अज़ाँ दे के नाक़ूस को फूँक कर
मुब्तला ये दिल हुआ जब यार नंगा हो गया
मीठी है ऐसी बात उस की
बा'द मरने के ठिकाने लग गई मिट्टी मिरी
मुझ सा आशिक़ आप सा माशूक़ तब होवे नसीब
है ख़ुशी अपनी वही जो कुछ ख़ुशी है आप की
मंसूर पीते ही मय-ए-उल्फ़त बहक गया
जवानी की हालत गुज़र जाएगी
जिस क़दर वो मुझ से बिगड़ा मैं भी बिगड़ा उस क़दर
जान दी उन पे मर-मिटे सिसके
है दौलत-ए-हुस्न पास तेरे
नफ़्स-ए-सग-ए-पलीद को गर अपने मारिए