Ghazals of Naz Butt
नाम | नाज़ बट |
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अंग्रेज़ी नाम | Naz Butt |
तुझ को सोचूँ मैं सू-ब-सू हो कर
तिरा नसीब बनूँ तेरी चाहतों में रहूँ
पहले दुख दर्द कई दिल में सँभाले मैं ने
कुछ इस अदा से हमें ग़म-गुसार मिलते हैं
हरीस-ए-ख़्वाहिश-ए-लअ'ल-ओ-गुहर नहीं हुई मैं
दिल-ओ-निगाह की हैरत मैं रह गए हैं हम
छुपाएँ किस तरह आँखें चमक मोहब्बत की
चमन सा दश्त ता-हद्द-ए-नज़र कितना हसीं है
बे-ख़बर होते होए भी बा-ख़बर लगते हो तुम