ऐ सितारों के चाहने वालो
आँसुओं के चराग़ हाज़िर हैं
रौनक़-ए-जश्न-ए-रंग-ओ-बू के लिए
ज़ख़्म हाज़िर हैं दाग़ हाज़िर हैं
Mohsin Naqvi
Rahat Indori
Allama Iqbal
Javed Akhtar
Faiz Ahmad Faiz
Habib Jalib
Ahmad Faraz
Mir Taqi Mir
Anwar Masood
Gulzar
Jaun Eliya
Parveen Shakir
Love Poetry
Funny Poetry
Sad Poetry
Rain Poetry
Sharabi Poetry
Friends Poetry
(1181) Peoples Rate This
हर माह लुट रही है ग़रीबों की आबरू
हम बनाएँगे यहाँ 'साग़र' नई तस्वीर-ए-शौक़
लोग कहते हैं रात बीत चुकी
एक बहकी हुई नज़र तेरी
एक नग़्मा इक तारा एक ग़ुंचा एक जाम
तारों से मेरा जाम भरो मैं नशे में हूँ
भूली हुई सदा हूँ मुझे याद कीजिए
ग़म के मुजरिम ख़ुशी के मुजरिम हैं
राहज़न आदमी रहनुमा आदमी
चराग़-ए-तूर जलाओ बड़ा अंधेरा है
जो चमन की हयात को डस ले