छल-बल उस की निगाह का मत पूछ
सेहर है टोटका है टोना है
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सच अगर पूछो तो ना-पैदा है यक-रू आश्ना
मिरी बातों से अब आज़ुर्दा न होना साक़ी
तौबा ज़ाहिद की तौबा तल्ली है
नमक-ए-हुस्न का सुनता हूँ तिरे जूँ जूँ शोर
तिरी जो ज़ुल्फ़ का आया ख़याल आँखों में
दहन है तंग शकर और शकर है तिरा है कलाम
दौरा है जब से बज़्म में तेरी शराब का
करूँ हूँ रात दिन फेरे कई फेरे मियाँ साहिब
मालूम है किसू को कि वो आज शोला-ख़ू
मैं उस की चश्म से ऐसा गिरा हूँ
कलेजा मुँह को आया और नफ़स करने लगा तंगी
आशिक़ का जहाँ में घर न देखा