वसीम बरेलवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का वसीम बरेलवी (page 3)
नाम | वसीम बरेलवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Waseem Barelvi |
जन्म की तारीख | 1940 |
जन्म स्थान | Delhi |
चराग़ घर का हो महफ़िल का हो कि मंदिर का
भरे मकाँ का भी अपना नशा है क्या जाने
बहुत से ख़्वाब देखोगे तो आँखें
अपनी इस आदत पे ही इक रोज़ मारे जाएँगे
अपने चेहरे से जो ज़ाहिर है छुपाएँ कैसे
ऐसे रिश्ते का भरम रखना कोई खेल नहीं
आते आते मिरा नाम सा रह गया
आसमाँ इतनी बुलंदी पे जो इतराता है
आज पी लेने दे जी लेने दे मुझ को साक़ी
वह जानते ही नहीं
तेरी याद
शहर मेरा
ख़्वाब नहीं देखा है
खिलौना
एक नज़्म
दीवाने की जन्नत
बेबसी
अदना सा बासी
ज़िंदगी तुझ पे अब इल्ज़ाम कोई क्या रक्खे
ज़रा सा क़तरा कहीं आज अगर उभरता है
ये है तो सब के लिए हो ये ज़िद हमारी है
यही बज़्म-ए-ऐश होगी यही दौर-ए-जाम होगा
वो मुझ को क्या बताना चाहता है
वो मेरे घर नहीं आता मैं उस के घर नहीं जाता
वो मेरे बालों में यूँ उँगलियाँ फिराता था
उस ने मेरी राह न देखी और वो रिश्ता तोड़ लिया
उसे समझने का कोई तो रास्ता निकले
उदासियों में भी रस्ते निकाल लेता है
तुम्हें ग़मों का समझना अगर न आएगा
तुम्हारी राह में मिट्टी के घर नहीं आते