Coupletss of Asghar Velori

Coupletss of Asghar Velori
नामअसग़र वेलोरी
अंग्रेज़ी नामAsghar Velori

ज़िंदगी से समझौता आज हो गया कैसे

उन के हाथों से मिला था पी लिया

तू ने अब तक जिसे नहीं समझा

तिरे महल में हज़ारों चराग़ जलते हैं

शिकार अपनी अना का है आज का इंसाँ

रौशनी जब से मुझे छोड़ गई

पढ़ते थे किताबों में क़यामत का समाँ

मुझ को ग़म का न कभी दर्द का एहसास रहा

लोग अच्छों को भी किस दिल से बुरा कहते हैं

खिलना हर एक फूल का 'असग़र' है मोजज़ा

जितना रोना था रो चुके आदम

दुनिया से ख़त्म हो गया इंसान का वजूद

ऐ चारागरो पास तुम्हारे न मिलेगी

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