Coupletss of Gulzar (page 2)

Coupletss of Gulzar (page 2)
नामगुलज़ार
अंग्रेज़ी नामGulzar
जन्म की तारीख1936
जन्म स्थानMumbai

हाथ छूटें भी तो रिश्ते नहीं छोड़ा करते

गो बरसती नहीं सदा आँखें

एक सन्नाटा दबे-पाँव गया हो जैसे

एक ही ख़्वाब ने सारी रात जगाया है

दिन कुछ ऐसे गुज़ारता है कोई

दिल पर दस्तक देने कौन आ निकला है

देर से गूँजते हैं सन्नाटे

चूल्हे नहीं जलाए कि बस्ती ही जल गई

चंद उम्मीदें निचोड़ी थीं तो आहें टपकीं

भरे हैं रात के रेज़े कुछ ऐसे आँखों में

अपने साए से चौंक जाते हैं

अपने माज़ी की जुस्तुजू में बहार

आप ने औरों से कहा सब कुछ

आप के बा'द हर घड़ी हम ने

आँखों से आँसुओं के मरासिम पुराने हैं

आँखों के पोछने से लगा आग का पता

आइना देख कर तसल्ली हुई

आग में क्या क्या जला है शब भर

आदतन तुम ने कर दिए वादे

गुलज़ार Couplets in Hindi - Read famous गुलज़ार Shayari, Couplets, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet गुलज़ार. Free Download Best Couplets, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet गुलज़ार. गुलज़ार Ghazals and Inspirational Nazams for Students.