Love Poetry of Habib Jalib (page 3)
नाम | हबीब जालिब |
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अंग्रेज़ी नाम | Habib Jalib |
जन्म की तारीख | 1929 |
मौत की तिथि | 1993 |
जन्म स्थान | Lahore |
कविताएं
Ghazal 71
Nazam 40
Couplets 22
Qita 17
Love 76
Sad 85
Heart Broken 88
Bewafa 25
Hope 44
Friendship 23
Islamic 13
Social 1
देशभक्तिपूर्ण 9
बारिश 9
ख्वाब 13
Sharab 2
ग़ज़लें तो कही हैं कुछ हम ने उन से न कहा अहवाल तो क्या
घर के ज़िंदाँ से उसे फ़ुर्सत मिले तो आए भी
'ग़ालिब'-ओ-'यगाना' से लोग भी थे जब तन्हा
इक शख़्स बा-ज़मीर मिरा यार 'मुसहफ़ी'
दुश्मनों ने जो दुश्मनी की है
दिल-ए-पुर-शौक़ को पहलू में दबाए रक्खा
दिल वालो क्यूँ दिल सी दौलत यूँ बे-कार लुटाते हो
दिल की बात लबों पर ला कर अब तक हम दुख सहते हैं
दयार-ए-'दाग़'-ओ-'बेख़ुद' शहर-ए-देहली छोड़ कर तुझ को
दरख़्त सूख गए रुक गए नदी नाले
चूर था ज़ख़्मों से दिल ज़ख़्मी जिगर भी हो गया
बहुत रौशन है शाम-ए-ग़म हमारी
और सब भूल गए हर्फ़-ए-सदाक़त लिखना
और सब भूल गए हर्फ़ सदाक़त लिखना
अब तेरी ज़रूरत भी बहुत कम है मिरी जाँ
आग है फैली हुई काली घटाओं की जगह