Heart Broken Poetry (page 210)
जहाँ में हम जिसे भी प्यार के क़ाबिल समझते हैं
अज़ीज़ वारसी
इतने नज़दीक से आईने को देखा न करो
अज़ीज़ वारसी
हर जगह आप ने मुम्ताज़ बनाया है मुझे
अज़ीज़ वारसी
दिल में हमारे अब कोई अरमाँ नहीं रहा
अज़ीज़ वारसी
एक सन्नाटा था आवाज़ न थी और न जवाब
अज़ीज़ तमन्नाई
अब कौन सी मता-ए-सफ़र दिल के पास है
अज़ीज़ तमन्नाई
याद
अज़ीज़ तमन्नाई
सफ़र मुदाम सफ़र
अज़ीज़ तमन्नाई
क़िस्सा-ए-दर्द
अज़ीज़ तमन्नाई
परछाइयाँ
अज़ीज़ तमन्नाई
मुराजअत
अज़ीज़ तमन्नाई
मुजस्समा
अज़ीज़ तमन्नाई
कहानी
अज़ीज़ तमन्नाई
हयूला
अज़ीज़ तमन्नाई
हर आईना इक अक्स-ए-नौ ढूँडता है
अज़ीज़ तमन्नाई
चाँदनी रात में
अज़ीज़ तमन्नाई
ज़िंदगी यूँ तो गुज़र जाती है आराम के साथ
अज़ीज़ तमन्नाई
यूँही कटे न रहगुज़र-ए-मुख़्तसर कहीं
अज़ीज़ तमन्नाई
उसी ने साथ दिया ज़िंदगी की राहों में
अज़ीज़ तमन्नाई
उफ़ुक़ के उस पार कर रहा है कोई मिरा इंतिज़ार शायद
अज़ीज़ तमन्नाई
पाते हैं कुछ कमी सी तस्वीर-ए-ज़िंदगी में
अज़ीज़ तमन्नाई
ख़ल्वत हुई है अंजुमन-आरा कभी कभी
अज़ीज़ तमन्नाई
करो तलाश हद-ए-आसमाँ मिलने न मिले
अज़ीज़ तमन्नाई
जिस को चलना है चले रख़्त-ए-सफ़र बाँधे हुए
अज़ीज़ तमन्नाई
हर एक रंग में यूँ डूब कर निखरते रहे
अज़ीज़ तमन्नाई
दिल में वो दर्द उठा रात कि हम सो न सके
अज़ीज़ तमन्नाई
दहर में इक तिरे सिवा क्या है
अज़ीज़ तमन्नाई
अब कौन सी मता-ए-सफ़र दिल के पास है
अज़ीज़ तमन्नाई
कमाल-ए-हुस्न का जब भी ख़याल आया है
अज़ीज़ साबरी
रसूल-ए-काज़िब
अज़ीज़ क़ैसी