Hope Poetry (page 210)
सिलसिले सब रुक गए दिल हाथ से जाता रहा
आज़िम कोहली
ख़ाक से थे ख़ाक से ही हो गए
आज़िम कोहली
जो हुआ जैसा हुआ अच्छा हुआ
आज़िम कोहली
जो होगा सब ठीक ही होगा होने दो जो होना है
आज़िम कोहली
हो सितम कैसा भी अब हालात की शमशीर का
आज़िम कोहली
एहसास के सूखे पत्ते भी अरमानों की चिंगारी भी
आज़िम कोहली
दूर है मंज़िल तो क्या रस्ता तो है
आज़िम कोहली
काश मैं तुझ सा बेवफ़ा होता
अातिश इंदौरी
दर्द से दिल ने वास्ता रक्खा
अातिश इंदौरी
ज़बाँ पे शिकवा-ए-बे-मेहरी-ए-ख़ुदा क्यूँ है?
अातिश बहावलपुरी
उमीद उन से वफ़ा की तो ख़ैर क्या कीजे
अातिश बहावलपुरी
जो चाहते हो बदलना मिज़ाज-ए-तूफ़ाँ को
अातिश बहावलपुरी
ज़िंदगी गुज़री मिरी ख़ुश्क शजर की सूरत
अातिश बहावलपुरी
तुम्हें ज़ेबा नहीं हरगिज़ सिले की आरज़ू रखना
अातिश बहावलपुरी
ख़मोश बैठे हो क्यूँ साज़-ए-बे-सदा की तरह
अातिश बहावलपुरी
कमाल-ए-हुस्न का जिस से तुम्हें ख़ज़ाना मिला
अातिश बहावलपुरी
हर्फ़-ए-शिकवा न लब पे लाओ तुम
अातिश बहावलपुरी
आँखों को नक़्श-ए-पा तिरा दिल को ग़ुबार कर दिया
आतिफ़ वहीद 'यासिर'
इतना ही बहुत है कि ये बारूद है मुझ में
आतिफ़ कमाल राना
हवा आई न ईंधन आ रहा है
आतिफ़ कमाल राना
बहार-ए-ज़ख़्म-ए-लब-ए-आतिशीं हुई मुझ से
आतिफ़ कमाल राना
इंतिहा होने से पहले सोच ले
अस्नाथ कंवल
सब्र पर दिल को तो आमादा किया है लेकिन
आसी उल्दनी
कहते हैं कि उम्मीद पे जीता है ज़माना
आसी उल्दनी
उन को मैं ने अपना कहा है
आसी रामनगरी
तुझे हम याद हर-दम ऐ सितम ईजाद करते हैं
आसी रामनगरी
क़फ़स-नसीबों का उफ़ हाल-ए-ज़ार क्या होगा
आसी रामनगरी
मंज़िल पे ले के पहुँचेगा अज़्म-ए-जवाँ मुझे
आसी रामनगरी
मानूस हो गए हैं ग़म-ए-ज़िंदगी से हम
आसी रामनगरी
लाला-ओ-गुल पे ख़िज़ाँ आज भी जब छाई है
आसी रामनगरी