बारिश Poetry (page 15)
दिल में 'असग़र' के ख़ुशियों की बरसात थी
असग़र शमीम
बात कुछ भी न थी क्यूँ ख़फ़ा हो गया
असग़र शमीम
तारीख़ एक ख़ामोश ज़माना
असग़र नदीम सय्यद
सफ़र से लौट आने वाली हवा
असग़र नदीम सय्यद
मोहब्बत की नज़्म
असग़र नदीम सय्यद
जब हम दोनों जुदा हुए थे
असग़र नदीम सय्यद
एक आँच की कमी
असग़र नदीम सय्यद
दिल जारी है
असग़र नदीम सय्यद
धूप-भरी अजरक
असग़र नदीम सय्यद
आज तुम ऐसे हँसे
असग़र नदीम सय्यद
ये तो सच है कि टूटे फूटे हैं
असग़र मेहदी होश
बचपन तमाम बूढ़े सवालों में कट गया
असग़र मेहदी होश
चलते चलते रुक जाता है
असग़र गोरखपुरी
इक आलम-ए-हैरत है फ़ना है न बक़ा है
असग़र गोंडवी
शश्दर-ओ-हैरान है जो भी ख़रीदारों में है
असद जाफ़री
बारिश की नज़्म
असअ'द बदायुनी
हाथ से किस ने साग़र पटका मौसम की बे-कैफ़ी पर
आरज़ू लखनवी
रस उन आँखों का है कहने को ज़रा सा पानी
आरज़ू लखनवी
मिरे जोश-ए-ग़म की है अजब कहानी
आरज़ू लखनवी
जिन रातों में नींद उड़ जाती है क्या क़हर की रातें होती हैं
आरज़ू लखनवी
गोरे गोरे चाँद से मुँह पर काली काली आँखें हैं
आरज़ू लखनवी
अव्वल-ए-शब वो बज़्म की रौनक़ शम्अ' भी थी परवाना भी
आरज़ू लखनवी
सुपुर्द-ए-आब यूँ ही तो नहीं करता हूँ ख़ाक अपनी
अरशद जमाल 'सारिम'
ये ख़ाकी पैरहन इक इस्म की बंदिश में रहता है
अरशद जमाल 'सारिम'
बाक़ी न हुज्जत इक दम-ए-इसबात रह गई
अरशद अली ख़ान क़लक़
आशिक़-ए-गेसू-ओ-क़द तेरे गुनहगार हैं सब
अरशद अली ख़ान क़लक़
मुझ को तक़दीर ने यूँ बे-सर-ओ-आसार किया
अरशद अब्दुल हमीद
दरवाज़ा तिरे शहर का वा चाहिए मुझ को
अर्श सिद्दीक़ी
भूल गया ख़ुश्की में रवानी
अरमान नज्मी
रहती है सबा जैसे ख़ुशबू के तआ'क़ुब में
आरिफ़ अंसारी