फूल सा इक खिला है आँखों में
किस का चेहरा बसा है आँखों में
तुम को आँसू नज़र नहीं आता
याँ समुंदर छुपा है आँखों में
आ के चेहरे पे जम गया आँसू
बन के मोती रहा है आँखों में
उस को देखा तो यूँ हुआ महसूस
इक चमन भर लिया है आँखों में
नींद यूँ उड़ गई कि लगता है
कोई काँटा चुभा है आँखों में