मैं ख़ुद अपने आप से हूँ बेगाना सा
बस्ती के इंसान भी मेरे जैसे हैं
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मैं उस की पहचान हूँ या वो मेरी
पॉप धमाके में हम भक्ती ढूँड रहे हैं
जिस्म के बयाबाँ में दर्द की दुआ माँगें
बहुत छोटा सफ़र था ज़िंदगी का
बाहर इंसानों से नफ़रत है लेकिन
एक बच्चा ज़ेहन से पैसा कमाने की मशीन
मेरी रातों का सफ़र तूर नहीं हो सकता
बग़ैर-ए-जिस्म भी है जिस्म का एहसास ज़िंदा
इमरोज़ की कश्ती को डुबोने के लिए हूँ
यहाँ हर लफ़्ज़ मअनी से जुदा है
फूल बाहर है कि अंदर है मिरे सीने में
अल्लाह वाला एक क़बीला मेरी निस्बत