Coupletss of Akhtar Shirani (page 2)

Coupletss of Akhtar Shirani (page 2)
नामअख़्तर शीरानी
अंग्रेज़ी नामAkhtar Shirani
जन्म की तारीख1905
मौत की तिथि1948
जन्म स्थानLahore

है क़यामत तिरे शबाब का रंग

ग़म-ए-ज़माना ने मजबूर कर दिया वर्ना

ग़म-ए-आक़िबत है न फ़िक्र-ए-ज़माना

ग़म अज़ीज़ों का हसीनों की जुदाई देखी

इक वो कि आरज़ुओं पे जीते हैं उम्र भर

इक दिन की बात हो तो उसे भूल जाएँ हम

दिन रात मय-कदे में गुज़रती थी ज़िंदगी

दिल में लेता है चुटकियाँ कोई

चमन में रहने वालों से तो हम सहरा-नशीं अच्छे

भुला बैठे हो हम को आज लेकिन ये समझ लेना

बजा कि है पास-ए-हश्र हम को करेंगे पास-ए-शबाब पहले

ऐ दिल वो आशिक़ी के फ़साने किधर गए

अब वो बातें न वो रातें न मुलाक़ातें हैं

अब तो मिलिए बस लड़ाई हो चुकी

अब जी में है कि उन को भुला कर ही देख लें

आरज़ू वस्ल की रखती है परेशाँ क्या क्या

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