बलवान सिंह आज़र कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बलवान सिंह आज़र

बलवान सिंह आज़र कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बलवान सिंह आज़र
नामबलवान सिंह आज़र
अंग्रेज़ी नामBalwan Singh Azar
जन्म की तारीख1986

तू भले मेरा ए'तिबार न कर

पूछना चाँद का पता 'आज़र'

पावँ से काँटा निकल जाए अगर

मार देती है ज़िंदगी ठोकर

कोई मंज़िल कभी नहीं आई

खुला मकान है हर एक ज़िंदगी 'आज़र'

ख़त्म होता ही नहीं मेरा सफ़र

हवा के दोश पर लगता है उड़ने

हार जाएगी यक़ीनन तीरगी

चलूँगा कब तलक तन्हा सफ़र में

ऐसी होने लगी थकन उस को

साक़ी खुलता है पैमाना खुलता है

सच है या फिर मुग़ालता है मुझे

रात दिन इक बेबसी ज़िंदा रही

पाँव मेरा फिर पड़ा है दश्त में

मिरे सफ़र में ही क्यूँ ये अज़ाब आते हैं

लोग भूके हैं बहुत और निवाले कम हैं

क्यूँ छुपाते हो किधर जाना है

जब कोई टीस दिल दुखाती है

हादसा होता रहा है मुझ में

गर मुझे मेरी ज़ात मिल जाए

दो क़दम साथ क्या चला रस्ता

बे-ख़ुदी साथ है मज़े में हूँ

आप-बीती ज़रा सुना ऐ दश्त

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