Love Poetry of Figar Unnavi

Love Poetry of Figar Unnavi
नामफ़िगार उन्नावी
अंग्रेज़ी नामFigar Unnavi

उन पे क़ुर्बान हर ख़ुशी कर दी

क़दम क़दम पे दोनों जुर्म-ए-इश्क़ में शरीक हैं

परतव-ए-हुस्न से ज़र्रे भी बने आईने

काबा भी घर अपना है सनम-ख़ाना भी अपना

हसरत-ए-दिल ना-मुकम्मल है किताब-ए-ज़िंदगी

ग़म-ओ-अलम से जो ताबीर की ख़ुशी मैं ने

एक ख़्वाब-ओ-ख़याल है दुनिया

तुम हरीम-ए-नाज़ में बैठे हो बेगाने बने

तूफ़ाँ से बच के दामन-ए-साहिल में रह गया

शोहरत-ए-तर्ज़-ए-फ़ुग़ाँ आम हुई जाती है

लब पे झूटे तराने होते हैं

कुछ काम तो आया दिल-ए-नाकाम हमारा

किसी अपने से होती है न बेगाने से होती है

जुरअत-ए-इश्क़ हवस-कार हुई जाती है

जफ़ा-ए-यार को हम लुत्फ़-ए-यार कहते हैं

हस्ती इक नक़्श-ए-इनइकासी है

हासिल-ए-ज़ब्त-ए-फ़ुग़ाँ नाकाम है

हदीस-ए-सोज़-ओ-साज़-ए-शम्-ओ-परवाना नहीं कहते

ग़म-ए-जानाँ से रंगीं और कोई ग़म नहीं होता

चमन अपने रंग में मस्त है कोई ग़म-गुसार-ए-दिगर नहीं

चला हूँ अपनी मंज़िल की तरफ़ तो शादमाँ हो कर

आरज़ू हसरत-ए-नाकाम से आगे न बढ़ी

फ़िगार उन्नावी Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by फ़िगार उन्नावी. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by फ़िगार उन्नावी. Share the फ़िगार उन्नावी Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.