Heart Broken Poetry (page 406)
फ़रियादी मातम
आशुफ़्ता चंगेज़ी
दयार-ए-ख़्वाब
आशुफ़्ता चंगेज़ी
अक़्द-नामे
आशुफ़्ता चंगेज़ी
आवारा परछाइयाँ
आशुफ़्ता चंगेज़ी
ये भी नहीं बीमार न थे
आशुफ़्ता चंगेज़ी
तुम ने लिक्खा है लिखो कैसा हूँ मैं
आशुफ़्ता चंगेज़ी
ठिकाने यूँ तो हज़ारों तिरे जहान में थे
आशुफ़्ता चंगेज़ी
ताबीर इस की क्या है धुआँ देखता हूँ मैं
आशुफ़्ता चंगेज़ी
सिलसिला अब भी ख़्वाबों का टूटा नहीं
आशुफ़्ता चंगेज़ी
सदाएँ क़ैद करूँ आहटें चुरा ले जाऊँ
आशुफ़्ता चंगेज़ी
सभी को अपना समझता हूँ क्या हुआ है मुझे
आशुफ़्ता चंगेज़ी
रोने को बहुत रोए बहुत आह-ओ-फ़ुग़ाँ की
आशुफ़्ता चंगेज़ी
पता कहीं से तिरा अब के फिर लगा लाए
आशुफ़्ता चंगेज़ी
पनाहें ढूँढ के कितनी ही रोज़ लाता है
आशुफ़्ता चंगेज़ी
कोई ग़ुल हुआ था न शोर-ए-ख़िज़ाँ
आशुफ़्ता चंगेज़ी
किसे बताते कि मंज़र निगाह में क्या था
आशुफ़्ता चंगेज़ी
किस की तलाश है हमें किस के असर में हैं
आशुफ़्ता चंगेज़ी
ख़बर तो दूर अमीन-ए-ख़बर नहीं आए
आशुफ़्ता चंगेज़ी
जिस से मिल बैठे लगी वो शक्ल पहचानी हुई
आशुफ़्ता चंगेज़ी
जिस की न कोई रात हो ऐसी सहर मिले
आशुफ़्ता चंगेज़ी
इतना क्यूँ शरमाते हैं
आशुफ़्ता चंगेज़ी
हवाएँ तेज़ थीं ये तो फ़क़त बहाने थे
आशुफ़्ता चंगेज़ी
हमें सफ़र की अज़िय्यत से फिर गुज़रना है
आशुफ़्ता चंगेज़ी
हमारे बारे में क्या क्या न कुछ कहा होगा
आशुफ़्ता चंगेज़ी
गुज़र गए हैं जो मौसम कभी न आएँगे
आशुफ़्ता चंगेज़ी
घरौंदे ख़्वाबों के सूरज के साथ रख लेते
आशुफ़्ता चंगेज़ी
घर की हद में सहरा है
आशुफ़्ता चंगेज़ी
दूर तक फैला समुंदर मुझ पे साहिल हो गया
आशुफ़्ता चंगेज़ी
दिल डूबने लगा है तवानाई चाहिए
आशुफ़्ता चंगेज़ी
धूप के रथ पर हफ़्त अफ़्लाक
आशुफ़्ता चंगेज़ी