नालाँ हूँ मैं बेदारी-ए-एहसास के हाथों
दुनिया मिरे अफ़्कार की दुनिया नहीं होती
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जो बात तुझ में है तिरी तस्वीर में नहीं
न मुँह छुपा के जिए हम न सर झुका के जिए
लो आज हम ने तोड़ दिया रिश्ता-ए-उमीद
अहल-ए-दिल और भी हैं
संसार की हर शय का इतना ही फ़साना है
मेरी तक़दीर में जलना है तो जल जाऊँगा
गुलशन गुलशन फूल
नाकामी
जब कभी उन की तवज्जोह में कमी पाई गई
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें
हम ग़म-ज़दा हैं लाएँ कहाँ से ख़ुशी के गीत
यूँही दिल ने चाहा था रोना-रुलाना