Heart Broken Poetry of Asra Rizvi

Heart Broken Poetry of Asra Rizvi
नामअसरा रिज़वी
अंग्रेज़ी नामAsra Rizvi

सुनो ना जानाँ

वस्ल की जो ख़्वाहिश है

सुना है चाँदनी-रातों में अक्सर तुम

परदेसी का ख़त

ख़्वाब इक जज़ीरा है

ख़िज़ाँ का मौसम

आओ चलें उस खंडर में

ज़िंदगी उलझी है बिखरे हुए गेसू की तरह

ये आग मोहब्बत की बुझाए न बुझे है

वो शख़्स फिर कहानी का उन्वान बन गया

उदास आँखें ग़ज़ाल आँखें

रात फिर ख़्वाब में आने का इरादा कर के

फिर कोई ताज़ा-सितम वो सितम-ईजाद करे

मैं तिरे शहर में फिरती रही मारी मारी

मैं सच तो कह दूँ पर उस को कहीं बुरा न लगे

कर्गस को सुरख़ाब बनाना चाहोगे

दर्द की जोत मिरे दिल में जगाने वाले

बे-सबब ख़ौफ़ से दिल मेरा लरज़ता क्यूँ है

बालीदगी-ए-ज़र्फ़ पे दिखलाए गए लोग

ऐसा ये दर्द है कि भुलाया न जाएगा

अदावतों का ये उस को सिला दिया हम ने

आग जो दिल में लगी है वो बुझा दी जाए

असरा रिज़वी Heart Broken Poetry in Hindi - Read famous Heart Broken Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by असरा रिज़वी. Largest collection of Heart Broken Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by असरा रिज़वी. Share the असरा रिज़वी Heart Broken Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.