Coupletss of Farooq Nazki

Coupletss of Farooq Nazki
नामफ़ारूक़ नाज़की
अंग्रेज़ी नामFarooq Nazki
जन्म की तारीख1940
जन्म स्थानSrinagar

तू ख़ुदा है तो बजा मुझ को डराता क्यूँ है

सुना है लोग वहाँ मुझ से ख़ार खाते हैं

सितारे बोती रहीं नींद से तही आँखें

संग-परस्तों की बस्ती में शीशा-गरों की ख़ैर नहीं है

क़द्रों की हदें तोड़ नई तरह निकाल

मुझ से क्या पूछते हो नाम पता

मैं हूँ 'मुज़्तर' बदन की नगरी में

काँच के अल्फ़ाज़ काग़ज़ पर न रख

जुनूँ-आसार मौसम का पता कोई नहीं देगा

जब कोई नौजवान मरता है

हिसार-ए-ख़ौफ़-ओ-हिरास में है बुतान-ए-वहम-ओ-गुमाँ की बस्ती

भटक न जाता अगर ज़ात के बयाबाँ में

बहकी हुई रूहों को तसल्ली दे कर

अब फ़क़ीरी में कोई बात नहीं

आप की तस्वीर थी अख़बार में

फ़ारूक़ नाज़की Couplets in Hindi - Read famous फ़ारूक़ नाज़की Shayari, Couplets, Nazams and SMS. Biggest collection of Love Poetry, Sad poetry, Sufi Poetry & Inspirational Poetry by famous Poet फ़ारूक़ नाज़की. Free Download Best Couplets, Sufi Poetry, Two Lines Sher, Sad Poetry, written by Sufi Poet फ़ारूक़ नाज़की. फ़ारूक़ नाज़की Ghazals and Inspirational Nazams for Students.