Bewafa Poetry (page 26)
किसी की साँस उखड़ती जा रही थी
अासिफ़ा ज़मानी
ऐ मिरे दिल बता ख़्वाब बुनता है क्यूँ
अासिफ़ा ज़मानी
दूर की शहज़ादी
आसिफ़ रज़ा
वो बे-हुनर हूँ कि है ज़िंदगी वबाल मुझे
अासिफ़ जमाल
अबस अबस तुझे मुझ से हिजाब आता है
अशरफ़ अली फ़ुग़ाँ
यतीम इंसाफ़
अशोक लाल
हो गई अपनों की ज़ाहिर दुश्मनी अच्छा हुआ
असग़र वेलोरी
गुलशन गुलशन शोला-ए-गुल की ज़ुल्फ़-ए-सबा की बात चली
असग़र सलीम
गुलशन गुलशन शो'ला-ए-गुल की ज़ुल्फ़-ए-सबा की बात चली
असग़र सलीम
अपने घर में मिरी तस्वीर सजाने वाले
असग़र राही
क्या सितम करते हैं मिट्टी के खिलौने वाले
असग़र मेहदी होश
जाने किस किस का गला कटता पस-ए-पर्दा-ए-इश्क़
असग़र मेहदी होश
हमेशा तंग रहा मुझ पे ज़िंदगी का लिबास
असग़र मेहदी होश
इश्वों की है न उस निगह-ए-फ़ित्ना-ज़ा की है
असग़र गोंडवी
मिरी हर साँस को सब नग़्मा-ए-महफ़िल समझते हैं
असर सहबाई
करम पर भी होता है धोका सितम का
असर लखनवी
निगह-ए-शौक़ को यूँ आइना-सामानी दे
असर लखनवी
नवेद-ए-वस्ल-ए-यार आए न आए
असर लखनवी
भूले अफ़्साने वफ़ा के याद दिल्वाते हुए
असर लखनवी
रवाँ है क़ाफ़िला-ए-जुस्तुजू किधर मेरा
असद जाफ़री
हम अहल-ए-ख़ौफ़
असअ'द बदायुनी
अभी ज़मीन को सौदा बहुत सरों का है
असअ'द बदायुनी
शौक़ चढ़ती धूप जाता वक़्त घटती छाँव है
आरज़ू लखनवी
यही इक निबाह की शक्ल है वो जफ़ा करें मैं वफ़ा करूँ
आरज़ू लखनवी
पियूँ ही क्यूँ जो बुरा जानूँ और छुपा के पियूँ
आरज़ू लखनवी
मिरी निगाह कहाँ दीद-ए-हुस्न-ए-यार कहाँ
आरज़ू लखनवी
मिरे जोश-ए-ग़म की है अजब कहानी
आरज़ू लखनवी
कहीं सर पटकते दीवाने कहीं पर झुलसते परवाने
आरज़ू लखनवी
जहाँ कि है जुर्म एक निगाह करना
आरज़ू लखनवी
गँवा के दिल सा गुहर दर्द-ए-सर ख़रीद लिया
आरज़ू लखनवी