Bewafa Poetry (page 29)
देखा जो मर्ग तो मरना ज़ियाँ न था
अनवर देहलवी
आँखें दिखाईं ग़ैर को मेरी ख़ता के साथ
अनवर देहलवी
आज कुछ यूँ शब-ए-तन्हाई का अफ़्साना चले
अनवर मोअज़्ज़म
सितम सहने की तय्यारी भी कोई चीज़ होती है
अनुभव गुप्ता
फ़ज़ा-ए-दिल में घनी तीरगी सी लगती है
अनुभव गुप्ता
कुछ दिन से ज़िंदगी मुझे पहचानती नहीं
अंजुम रहबर
दिल भर आया फिर भी राज़-ए-दिल छुपाना ही पड़ा
अंजुम मानपुरी
सितमगरों से डरूँ चुप रहूँ निबाह करूँ
अंजुम ख़लीक़
कुछ उज़्र पस-ए-वा'दा-ख़िलाफ़ी नहीं रखते
अंजुम ख़लीक़
कितना ढूँडा उसे जब एक ग़ज़ल और कही
अंजुम ख़लीक़
ये रात ढलते ढलते रख गई जवाब के लिए
अंजुम इरफ़ानी
इस ने देखा है सर-ए-बज़्म सितमगर की तरह
अंजुम इरफ़ानी
और कुछ याद नहीं अब से न तब से पूछो
अंजुम इरफ़ानी
जो शब भर आँसुओं से तर रहेगा
अंजुम आज़मी
रू-ए-गुल चेहरा-ए-महताब नहीं देखते हैं
अनीस अशफ़ाक़
नाम तेरा भी रहेगा न सितमगर बाक़ी
अनीस अंसारी
शीशा ही चाहिए न मय-ए-अर्ग़वाँ मुझे
अनीस अहमद अनीस
फ़िराक़-ए-यार में कुछ कहिए समझाया नहीं जाता
अनीस अहमद अनीस
तिरी जफ़ा को जफ़ा मैं तो कह नहीं सकता
आनंद नारायण मुल्ला
मिरी बात का जो यक़ीं नहीं मुझे आज़मा के भी देख ले
आनंद नारायण मुल्ला
जुनूँ का दौर है किस किस को जाएँ समझाने
आनंद नारायण मुल्ला
अफ़्कार-ए-परेशाँ
अमजद नजमी
उन के वा'दों का हाल क्या कहिए
अमजद नजमी
वो तिरे नसीब की बारिशें किसी और छत पे बरस गईं
अमजद इस्लाम अमजद
कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा
अमजद इस्लाम अमजद
ऐ दिल-ए-बे-ख़बर
अमजद इस्लाम अमजद
ज़िंदगी दर्द भी दवा भी थी
अमजद इस्लाम अमजद
सैंकड़ों ही रहनुमा हैं रास्ता कोई नहीं
अमजद इस्लाम अमजद
कहाँ आ के रुकने थे रास्ते कहाँ मोड़ था उसे भूल जा
अमजद इस्लाम अमजद
भीड़ में इक अजनबी का सामना अच्छा लगा
अमजद इस्लाम अमजद