Coupletss of Saleem Siddiqui

Coupletss of Saleem Siddiqui
नामसलीम सिद्दीक़ी
अंग्रेज़ी नामSaleem Siddiqui

ज़ख़्म-दर-ज़ख़्म सुख़न और भी होता है वसीअ

उम्र भर जिस के लिए पेट से बाँधे पत्थर

ख़ौफ़ आँखों में मिरी देख के चिंगारी का

ख़रीदने के लिए उस को बिक गया ख़ुद ही

कौन सा जुर्म ख़ुदा जाने हुआ है साबित

कज-कुलाही पे न मग़रूर हुआ कर इतना

हूँ पारसा तिरे पहलू में शब गुज़ार के भी

हम आदमी की तरह जी रहे हैं सदियों से

इक एक हर्फ़ की रखनी है आबरू मुझ को

इक धुँदलका हूँ ज़रा देर में छट जाऊँगा

बेड़ियाँ डाल के परछाईं की पैरों में मिरे

अपने जीने के हम अस्बाब दिखाते हैं तुम्हें

अब ज़मीनों को बिछाए कि फ़लक को ओढ़े

आज रक्खे हैं क़दम उस ने मिरी चौखट पर

आज फिर अपनी समाअत सौंप दी उस ने हमें

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