Coupletss of Faheem Shanas Kazmi

Coupletss of Faheem Shanas Kazmi
नामफ़हीम शनास काज़मी
अंग्रेज़ी नामFaheem Shanas Kazmi

ज़िंदगी अब तू मुझे और खिलौने ला दे

ज़मीन पर न रहे आसमाँ को छोड़ दिया

यूँ जगमगा उठा है तिरी याद से वजूद

वो जिस के हाथ से तक़रीब-ए-दिल-नुमाई थी

उस के लबों की गुफ़्तुगू करते रहे सुबू सुबू

उसी ने चाँद के पहलू में इक चराग़ रखा

तुम्हारी याद निकलती नहीं मिरे दिल से

तेरी गली के मोड़ पे पहुँचे थे जल्द हम

तमाम उम्र हवा की तरह गुज़ारी है

फिर वही शाम वही दर्द वही अपना जुनूँ

कोई भी रस्ता किसी सम्त को नहीं जाता

किसी के दिल में उतरना है कार-ए-ला-हासिल

किन दरीचों के चराग़ों से हमें निस्बत थी

ख़ुद अपने होने का हर इक निशाँ मिटा डाला

गुज़रा मिरे क़रीब से वो इस अदा के साथ

बिछड़ के तुझ से तिरी याद भी नहीं आई

बस एक बार वो आया था सैर करने को

बदलते वक़्त ने बदले मिज़ाज भी कैसे

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