Qitas of Sufi Tabassum

Qitas of Sufi Tabassum
नामसूफ़ी तबस्सुम
अंग्रेज़ी नामSufi Tabassum
जन्म की तारीख1899
मौत की तिथि1978

ये हवाएँ तो मुआफ़िक़ थीं बहुत

उठाते हैं मज़े जौर-ओ-सितम के

तिरे फ़िराक़ में ज़हराब-ए-ग़म पिए जाऊँ

तमन्ना कुछ तो ले आती है लब पर

पूछता क्या है हम-नशीं मुझ से

न जाने कट गया किस बे-ख़ुदी के आलम में

लहू फ़क़ीरों का सोज़-ए-यक़ीं से था जब गर्म

कितनी हंगामा-ख़ू तमन्नाएँ

जो सफ़र भी था ज़िंदगानी का

जवानी के ज़माने याद आए

इश्क़ की इब्तिदा है सोज़-ए-दरूँ

इल्म के थे बहुत हिजाब मगर

हर ख़िज़ाँ ग़ारत-गर-ए-चमन ही सही

दिल की हर आरज़ू है ख़्वाबीदा

ऐ दोस्त न पूछ मुझ से क्या है

आँसुओं में अलम का रंग न था

आज कुछ मुज़्महिल सी यादों के

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