अली सरदार जाफ़री कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अली सरदार जाफ़री (page 3)
नाम | अली सरदार जाफ़री |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Ali Sardar Jafri |
जन्म की तारीख | 1913 |
मौत की तिथि | 2000 |
जन्म स्थान | Mumbai |
ये किस ने फ़ोन पे दी साल-ए-नौ की तहनियत मुझ को
तू वो बहार जो अपने चमन में आवारा
शिकायतें भी बहुत हैं हिकायतें भी बहुत
शब के सन्नाटे में ये किस का लहू गाता है
सौ मिलीं ज़िंदगी से सौग़ातें
प्यास जहाँ की एक बयाबाँ तेरी सख़ावत शबनम है
पुराने साल की ठिठुरी हुई परछाइयाँ सिमटीं
फूटने वाली है मज़दूर के माथे से किरन
परतव से जिस के आलम-ए-इम्काँ बहार है
मक़तल-ए-शौक़ के आदाब निराले हैं बहुत
कमी कमी सी थी कुछ रंग-ओ-बू-ए-गुलशन में
काम अब कोई न आएगा बस इक दिल के सिवा
इसी लिए तो है ज़िंदाँ को जुस्तुजू मेरी
इसी दुनिया में दिखा दें तुम्हें जन्नत की बहार
इंक़लाब आएगा रफ़्तार से मायूस न हो
दिल-ओ-नज़र को अभी तक वो दे रहे हैं फ़रेब
दामन झटक के वादी-ए-ग़म से गुज़र गया
बहुत बर्बाद हैं लेकिन सदा-ए-इंक़लाब आए
उठो
उर्दू
तुम्हारा शहर
तुम नहीं आए थे जब
तीन शराबी
तिरे प्यार का नाम
ताशक़ंद की शाम
तख़्लीक़ का कर्ब
शुऊर
सर-ए-तूर
साल-ए-नौ
क़त्ल-ए-आफ़्ताब