Qitas of Amir Usmani
नाम | आमिर उस्मानी |
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अंग्रेज़ी नाम | Amir Usmani |
जन्म की तारीख | 1920 |
मौत की तिथि | 1975 |
जन्म स्थान | Deoband |
कविताएं
Ghazal 8
Nazam 3
Couplets 12
Qita 13
Love 17
Sad 12
Heart Broken 10
Bewafa 2
Hope 5
Friendship 3
Islamic 2
Sufi 2
Social 1
देशभक्तिपूर्ण 1
ख्वाब 2
Sharab 2
ये पुर-फ़रेब सितारे ये बिजलियों के चराग़
उलझे हुए साँसों की घुटन कैसे दिखाऊँ
ताना-ए-इस्याँ देने वालो एक नज़र इस पर भी डालो
सज़ा ये दी है कि आँखों से छीन लीं नींदें
सहरा सहरा ग़म के बगूले बस्ती बस्ती दर्द की आग
रफ़्ता रफ़्ता सब साथी साथ छोड़ आए थे
रात तो काली थी लेकिन रात गुज़र कर सुब्ह जो आई
ओस का नन्हा सा क़तरा हूँ फूलों में तुल जाऊँगा
मैं न कहा करता था साक़ी तिश्ना-लबों की आह न ले
क्यूँ हुए क़त्ल हम पर ये इल्ज़ाम है क़त्ल जिस ने किया है वही मुद्दई
दीवानों को अहल-ए-ख़िरद ने चौराहे पर सूली दी है
अगर मज़ार पे सूरज भी ला के रख दोगे
आप की राह में क्या क्या न सहा था हम ने