Love Poetry of Bashir Badr (page 3)

Love Poetry of Bashir Badr (page 3)
नामबशीर बद्र
अंग्रेज़ी नामBashir Badr
जन्म की तारीख1935
जन्म स्थानBhopal

पत्थर के जिगर वालो ग़म में वो रवानी है

परखना मत परखने में कोई अपना नहीं रहता

पहला सा वो ज़ोर नहीं है मेरे दुख की सदाओं में

नज़र से गुफ़्तुगू ख़ामोश लब तुम्हारी तरह

मुसाफ़िर के रस्ते बदलते रहे

मुझ से बिछड़ के ख़ुश रहते हो

मिरी ज़िंदगी भी मिरी नहीं ये हज़ार ख़ानों में बट गई

मिरी ज़बाँ पे नए ज़ाइक़ों के फल लिख दे

मिरी नज़र में ख़ाक तेरे आइने पे गर्द है

मेरी आँखों में तिरे प्यार का आँसू आए

मेरे सीने पर वो सर रक्खे हुए सोता रहा

मेरे दिल की राख कुरेद मत इसे मुस्कुरा के हवा न दे

मान मौसम का कहा छाई घटा जाम उठा

लोग टूट जाते हैं एक घर बनाने में

कोई फूल धूप की पत्तियों में हरे रिबन से बँधा हुआ

कोई लश्कर कि धड़कते हुए ग़म आते हैं

किसी की याद में पलकें ज़रा भिगो लेते

ख़ुशबू की तरह आया वो तेज़ हवाओं में

ख़ून पत्तों पे जमा हो जैसे

ख़ानदानी रिश्तों में अक्सर रक़ाबत है बहुत

कौन आया रास्ते आईना-ख़ाने हो गए

कहीं चाँद राहों में खो गया कहीं चाँदनी भी भटक गई

कहाँ आँसुओं की ये सौग़ात होगी

कभी यूँ भी आ मिरी आँख में कि मिरी नज़र को ख़बर न हो

कभी तो शाम ढले अपने घर गए होते

जब तक निगार-ए-दाश्त का सीना दुखा न था

जब सहर चुप हो हँसा लो हम को

जब रात की तन्हाई दिल बन के धड़कती है

होंटों पे मोहब्बत के फ़साने नहीं आते

हमारे पास तो आओ बड़ा अंधेरा है

बशीर बद्र Love Poetry in Hindi - Read famous Love Shayari, Romantic Ghazals & Sad Poetry written by बशीर बद्र. Largest collection of Love Poems, Sad Ghazals including Two Line Sher and SMS by बशीर बद्र. Share the बशीर बद्र Love Potery, Romantic Hindi Ghazals and Sufi Shayari with your friends on whats app, facebook and twitter.