Islamic Poetry (page 49)
बे-सबब ख़ौफ़ से दिल मेरा लरज़ता क्यूँ है
असरा रिज़वी
पत्थरों पर वादियों में नक़्श-ए-पा मेरा भी है
असलम महमूद
सुबुक सा दर्द था उठता रहा जो ज़ख़्मों से
असलम हबीब
मौत का इंतिज़ार सफ़ेद चाक से
असलम इमादी
सुनहरी धूप से चेहरा निखार लेती हूँ
आसिमा ताहिर
कहाँ तलाश में जाऊँ कि जुस्तुजू तू है
आसिम वास्ती
दामन-ए-गुल में कहीं ख़ार छुपा देखते हैं
आसिम वास्ती
मिलने को तुझ से दिल तो मिरा बे-क़रार है
आसिफ़ुद्दौला
किस क़दर दर्द के शब करता था मज़कूर तिरा
आसिफ़ुद्दौला
जब से मेरे दिल में आ कर इश्क़ का थाना हुआ
आसिफ़ुद्दौला
आँखों से अपनी 'आसिफ़' तू एहतिराज़ करना
आसिफ़ुद्दौला
किसी की साँस उखड़ती जा रही थी
अासिफ़ा ज़मानी
ख़ुदा से मशवरा माँगा है तेरे बारे में
अासिफ़ रशीद असजद
साए की तरह कोई मिरे साथ लगा था
अासिफ़ जमाल
देखिए ख़ाक में मजनूँ की असर है कि नहीं
अशरफ़ अली फ़ुग़ाँ
बहार आई है सोते को टुक जगा देना
अशरफ़ अली फ़ुग़ाँ
ऐ तजल्ली क्या हुआ शेवा तिरी तकरार का
अशरफ़ अली फ़ुग़ाँ
अबस अबस तुझे मुझ से हिजाब आता है
अशरफ़ अली फ़ुग़ाँ
नेकी बदी की अब कोई मीज़ान ही नहीं
अशोक साहनी
नफ़रतें दिल से मिटाओ तो कोई बात बने
अशोक साहनी
जो ज़रूरी है कार कर पहले
अशोक साहनी
इस को ग़ुरूर-ए-इश्क़ ने क्या क्या बना दिया
अशोक साहनी
गुल्सितान-ए-ज़िंदगी में ज़िंदगी पैदा करो
अशोक साहनी
अब इस से पहले कि दुनिया से मैं गुज़र जाऊँ
अशोक साहिल
लहू रोता है
अशोक लाल
बुनियादें
अशोक लाल
ये कश्ती-ए-हयात ये तूफ़ान-ए-हादसात
अश्क अमृतसरी
बहुत ख़ामोश रह कर जो सदाएँ मुझ को देता था
आशिर वकील राव
सुकूत-ए-शब के हाथों सोंप कर वापस बुलाता है
अशअर नजमी
दैर-ओ-हरम भी आए कई इस सफ़र के बीच
अाशा प्रभात