अफ़्सोस शराब पी रहा हूँ तन्हा
जल्वों की है बारगाह मेरे दिल में
ग़ुंचे तेरी ज़िंदगी पे दिल हिलता है
क्या तब्ख़ मिलेगा गुल-फ़िशानी कर के
पुर-हौल-शिकम अरीज़ सीने वालो
ऐ ज़ाहिद-ए-हक़-शनास वाले आलिम-ए-दीं
ज़ब्त-ए-गिर्या
बरसात है दिल डस रहा है पानी
जीना है तो जीने की मोहब्बत में मरो
जाने वाले क़मर को रोके कोई
मुबहम पयाम
दिल की जानिब रुजूअ होता हूँ मैं