Rubaais of Mirza Salaamat Ali Dabeer

Rubaais of Mirza Salaamat Ali Dabeer
नाममिर्ज़ा सलामत अली दबीर
अंग्रेज़ी नामMirza Salaamat Ali Dabeer
जन्म की तारीख1803
मौत की तिथि1875

या शाह-ए-नजफ़ थाम लो इस किश्वर को

सुग़रा का मरज़ कम न हुआ दरमाँ से

फिर चर्ख़ पर आसमान-ए-पीर आया है

परवाने को धुन शम्अ को लौ तेरी है

मशहूर-ए-जहाँ है दास्तान-ए-शीरीं

क्या क़ामत-ए-अहमद ने ज़िया पाई है

इस दर पे हर एक शादमाँ रहता है

इस बज़्म में अर्बाब-ए-शुऊर आए हैं

इस बज़्म को जन्नत से जो ख़ुश पाते हैं

हर चश्म से चश्मे की रवानी हो जाए

हम-शान-ए-नजफ़ न अर्श-ए-अनवर ठहरा

है रज़्म सरापा तो ज़बाँ और ही है

फ़रमान-ए-अली लौह-ओ-क़लम तक पहुँचा

दरगाह-ए-अलम-दार से बहबूदी है

ऐ ख़िज़्र के रहबर मुझे गुमराह न कर

अदना से जो सर झुकाए आला वो है

आहों से अयाँ बर्क़-फ़िशानी हो जाए

आफ़ाक़ से उस्ताद-ए-यगाना उठ्ठा

आदा को उधर हराम का माल मिला

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