नरेश कुमार शाद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का नरेश कुमार शाद (page 2)
नाम | नरेश कुमार शाद |
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अंग्रेज़ी नाम | Naresh Kumar Shad |
जन्म की तारीख | 1927 |
मौत की तिथि | 1969 |
जन्म स्थान | Delhi |
आँखों में सहर झलक रही है गोया
ज़िंदगी से तो ख़ैर शिकवा था
ये सोच कर भी हँस न सके हम शिकस्ता-दिल
तूफ़ान-ए-ग़म की तुंद हवाओं के बावजूद
महसूस भी हो जाए तो होता नहीं बयाँ
महफ़िल उन की साक़ी उन का
किसी के जौर-ओ-सितम का तो इक बहाना था
ख़ुदा से लोग भी ख़ाइफ़ कभी थे
ख़ुदा से क्या मोहब्बत कर सकेगा
इतना भी ना-उमीद दिल-ए-कम-नज़र न हो
गुनाहों से हमें रग़बत न थी मगर या रब
अक़्ल से सिर्फ़ ज़ेहन रौशन था
अल्लाह रे बे-ख़ुदी कि तिरे पास बैठ कर
आप आए तो मुझ को याद आया
राख
मस्लहत
कश्मकश
ए'तिराफ़
एक क्लर्क लड़की
एक एक्ट्रेस
एक आम सी लड़की
तिरा तज़्किरा सू-ब-सू क्यूँ करें हम
शाम-ए-वादा का ढल गया साया
रौनक़ बढ़ेगी रू-ए-नशात-ए-जमाल की
फिर इस दुनिया से उम्मीद-ए-वफ़ा है
नारवा है किसी की हमराही
कौन सुलगते आँसू रोके आग के टुकड़े कौन चबाए
हयात है कि मुसलसल सफ़र का आलम है
एक धोका है ये शब-रंग सवेरा क्या है
डूब कर पार उतर गए हैं हम