शहरयार कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शहरयार (page 4)
नाम | शहरयार |
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अंग्रेज़ी नाम | Shahryar |
जन्म की तारीख | 1936 |
मौत की तिथि | 2012 |
जन्म स्थान | Aligarh |
ऐसे हिज्र के मौसम कब कब आते हैं
अब तो ले दे के यही काम है इन आँखों का
अब रात की दीवार को ढाना है ज़रूरी
अब जिधर देखिए लगता है कि इस दुनिया में
अब जी के बहलने की है एक यही सूरत
आसमाँ कुछ भी नहीं अब तेरे करने के लिए
आँखों में तेरी देख रहा हूँ मैं अपनी शक्ल
आँखों को सब की नींद भी दी ख़्वाब भी दिए
आँख की ये एक हसरत थी कि बस पूरी हुई
आँधियाँ आती थीं लेकिन कभी ऐसा न हुआ
ज़िंदा रहने का ये एहसास
ज़वाल की हद
वो मोड़
वो कौन था
वापसी
वामांदगी-ए-शौक़
उम्मीद ओ बीम
तन्हाई
तम्बीह
सैगंधी
साए
रतजगों का ज़वाल
रात जुदाई की रात
फिर सफ़र बे-सम्त बे-मंज़िल हुआ
पहले सफ़्हे की पहली सुर्ख़ी
नया उफ़क़
नया खेल
नया अमृत
'नजमा' के लिए एक नज़्म
नफ़ी से इसबात तक