शहरयार कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शहरयार (page 3)

शहरयार कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शहरयार (page 3)
नामशहरयार
अंग्रेज़ी नामShahryar
जन्म की तारीख1936
मौत की तिथि2012
जन्म स्थानAligarh

जम्अ करते रहे जो अपने को ज़र्रा ज़र्रा

जहाँ में होने को ऐ दोस्त यूँ तो सब होगा

जागता हूँ मैं एक अकेला दुनिया सोती है

जब भी मिलती है मुझे अजनबी लगती क्यूँ है

जान-बूझ कर समझ कर मैं ने भुला दिया

इन दिनों मैं भी हूँ कुछ कार-ए-जहाँ में मसरूफ़

हम ने तो कोई बात निकाली नहीं ग़म की

हम ख़ुश हैं हमें धूप विरासत में मिली है

हम जुदा हो गए आग़ाज़-ए-सफ़र से पहले

हर तरफ़ अपने को बिखरा पाओगे

हर मुलाक़ात का अंजाम जुदाई क्यूँ है

है कोई जो बताए शब के मुसाफ़िरों को

है आज ये गिला कि अकेला है 'शहरयार'

गुलाब टहनी से टूटा ज़मीन पर न गिरा

घर की तामीर तसव्वुर ही में हो सकती है

ग़म की दौलत बड़ी मुश्किल से मिला करती है

गर्दिश-ए-वक़्त का कितना बड़ा एहसाँ है कि आज

इक सिर्फ़ हमीं मय को आँखों से पिलाते हैं

एक ही मिट्टी से हम दोनों बने हैं लेकिन

इक बूँद ज़हर के लिए फैला रहे हो हाथ

दिल रिझा है तुझ पे ऐसा बद-गुमाँ होगा नहीं

दिल परेशाँ हो मगर आँख में हैरानी न हो

देखने के लिए इक चेहरा बहुत होता है

चल चल के थक गया है कि मंज़िल नहीं कोई

बिछड़े लोगों से मुलाक़ात कभी फिर होगी

बे-नाम से इक ख़ौफ़ से दिल क्यूँ है परेशाँ

बताऊँ किस तरह अहबाब को आँखें जो ऐसी हैं

बहुत शोर था जब समाअ'त गई

अक्स-ए-याद-ए-यार को धुँदला किया है

अजीब सानेहा मुझ पर गुज़र गया यारो

Shahryar Poetry in Hindi - Read Best Poetry, Ghazals & Nazams by Shahryar including Sad Shayari, Hope Poetry, Inspirational Poetry, Sher SMS & Sufi Shayari in Hindi written by great Sufi Poet Shahryar. Free Download all kind of Shahryar Poetry in PDF. Best of Shahryar Poetry in Hindi. Shahryar Ghazals and Inspirational Nazams for Students.