Coupletss of Sakhi Lakhnvi (page 2)
नाम | सख़ी लख़नवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sakhi Lakhnvi |
कभी पहुँचेगा दिल उन उँगलियों तक
कअ'बे में सख़्त-कलामी सुन ली
जीतेंगे न हम से बाज़ी-ए-इश्क़
जिस के घर जाते न थे हज़रत-ए-दिल
जाएगी गुलशन तलक उस गुल की आमद की ख़बर
इस तरफ़ बज़्म में हम थे वो थे
हम उन से आज का शिकवा करेंगे
हिचकियाँ आती हैं पर लेते नहीं वो मेरा नाम
हमा-तन हो गए हैं आईना
हैफ़ साबित है जेब ने दामन
एक दो तीन चार पाँच छे सात
दिल कलेजे दिमाग़ सीना ओ चश्म
देखो क़लई खुलेगी साफ़ उस की
देखें कहता है ख़ुदा हश्र के दिन
दर्द को गुर्दा तड़पने को जिगर
दफ़्न हम हो चुके तो कहते हैं
चर्ख़ पर बद्र जिस को कहते हैं
बोसा हर वक़्त रुख़ का लेता है
बर्ग-ए-गुल आ मैं तेरे बोसे लूँ
बहुत ख़्वाब-ए-ग़फ़लत में दिन चढ़ गया
बद्र और महर दो हैं नाम उन के
बात करने में होंट लड़ते हैं
अजी फेंको रक़ीब का नामा
आँखों से पा-ए-यार लगाने की है हवस