शहज़ाद अहमद कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का शहज़ाद अहमद (page 7)
नाम | शहज़ाद अहमद |
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अंग्रेज़ी नाम | Shahzad Ahmad |
जन्म की तारीख | 1932 |
मौत की तिथि | 2012 |
जन्म स्थान | Lahore |
अब मिरा दर्द मरी जान हुआ जाता है
अब जहाँ मैं हूँ वहाँ मेरे सिवा कुछ भी नहीं
अब भी वही दिन रात हैं लेकिन फ़र्क़ ये है
अब अपने चेहरे पर दो पत्थर से सजाए फिरता हूँ
आज़ाद था मिज़ाज तो क्यूँ घर बना लिया
आता है ख़ौफ़ आँख झपकते हुए मुझे
आरज़ूओं ने कई फूल चुने थे लेकिन
आरज़ू की बे-हिसी का गर यही आलम रहा
आँखें न खुलें नूर के सैलाब में मेरी
आँख उठा के मेरी सम्त अहल-ए-नज़र न देख पाए
आज तक उस की मोहब्बत का नशा तारी है
आगे निकल गए वो मुझे देखते हुए
ज़हरीली तख़्लीक़
यादों की ज़ंजीरें
सोता जागता साया
रूह की आग
मैं और तू
जीने मरने के दरमियान एक साअत
हम कि इंसान नहीं आँखें हैं
गामज़न
एक दरख़्त
दिल-आराम
दरख़्तों पर कोई पत्ता नहीं था
बे-शुमार आँखें
अन-कही
आँख-मिचोली
ज़मीं अपने लहू से आश्ना होने ही वाली है
यूँ ख़ाक की मानिंद न राहों पे बिखर जा
ये सोच कर कि तेरी जबीं पर न बल पड़े
ये न हो वो भूलने वाला भुला देना पड़े