Hope Poetry (page 112)
तवील उम्र की ढेरों दुआएँ भेजी हैं
अज़लान शाह
समझ के रस्ता इधर से गुज़रने वालों ने
अज़लान शाह
सफ़र के ब'अद भी सफ़र का एहतिमाम कर रहा हूँ मैं
अज़लान शाह
क़ुबूल होती हुई बद-दुआ से डरते हैं
अज़लान शाह
माँगना ख़्वाहिश-ए-दीदार से आगे क्या है
अज़लान शाह
किसी के नाम पे नन्हे दिए जलाते हुए
अज़लान शाह
दुनिया के लिए ज़हर न खालें कोई हम भी
अज़लान शाह
शायद यही किताब-ए-मोहब्बत हो ला-जवाब
अज़ीज़ुर्रहमान शहीद फ़तेहपुरी
शहर हो दश्त-ए-तमन्ना हो कि दरिया का सफ़र
अज़ीज़ुर्रहमान शहीद फ़तेहपुरी
न जाने कौन सी मंज़िल पे इश्क़ आ पहुँचा
अज़ीज़ुर्रहमान शहीद फ़तेहपुरी
तेरी यादें हैं जिन्हें दिल में बसा रक्खा है
अज़ीज़ुर्रहमान शहीद फ़तेहपुरी
लम्हों ने यूँ समेट लिया फ़ासला बहुत
अज़ीज़ुर्रहमान शहीद फ़तेहपुरी
कमाल ये है कि दुनिया को कुछ पता न लगे
अज़ीज़ुर्रहमान शहीद फ़तेहपुरी
अजीब कैफ़ियत आख़िर तलक रही दिल की
अज़ीज़ुर्रहमान शहीद फ़तेहपुरी
इक वक़्त था कि दिल को सुकूँ की तलाश थी
अज़ीज़ वारसी
ये हम पर लुत्फ़ कैसा ये करम क्या
अज़ीज़ वारसी
उस ने मिरे मरने के लिए आज दुआ की
अज़ीज़ वारसी
ख़ुशी महसूस करता हूँ न ग़म महसूस करता हूँ
अज़ीज़ वारसी
इतने नज़दीक से आईने को देखा न करो
अज़ीज़ वारसी
इक हम कि उन के वास्ते महव-ए-फ़ुग़ाँ रहे
अज़ीज़ वारसी
आख़िर-ए-शब वो तेरी अंगड़ाई
अज़ीज़ वारसी
हज़ार बार आज़मा चुका है मगर अभी आज़मा रहा है
अज़ीज़ तमन्नाई
तसमा-ए-पा
अज़ीज़ तमन्नाई
सफ़र मुदाम सफ़र
अज़ीज़ तमन्नाई
मुजस्समा
अज़ीज़ तमन्नाई
हयूला
अज़ीज़ तमन्नाई
हर आईना इक अक्स-ए-नौ ढूँडता है
अज़ीज़ तमन्नाई
यूँही कटे न रहगुज़र-ए-मुख़्तसर कहीं
अज़ीज़ तमन्नाई
उसी ने साथ दिया ज़िंदगी की राहों में
अज़ीज़ तमन्नाई
उफ़ुक़ के उस पार कर रहा है कोई मिरा इंतिज़ार शायद
अज़ीज़ तमन्नाई