Coupletss of Tariq Naeem

Coupletss of Tariq Naeem
नामतारिक़ नईम
अंग्रेज़ी नामTariq Naeem
जन्म की तारीख1958
जन्म स्थानIslamabad

ज़मीन इतनी नहीं है कि पाँव रख पाएँ

ये वीरानी सी यूँही तो नहीं रहती है आँखों में

ये ख़याल था कभी ख़्वाब में तुझे देखते

वो आईना है तो हैरत किसी जमाल की हो

उठा उठा के तिरे नाज़ ऐ ग़म-ए-दुनिया

तिरे ख़याल की लौ ही सफ़र में काम आई

रात रो रो के गुज़ारी है चराग़ों की तरह

कोई कब दीवार बना है मेरे सफ़र में

किनारा कर न ऐ दुनिया मिरी हस्त-ए-ज़बूनी से

ख़ुश-अर्ज़ानी हुई है इस क़दर बाज़ार-ए-हस्ती में

खोल देते हैं पलट आने पे दरवाज़ा-ए-दिल

जमाल मुझ पे ये इक दिन में तो नहीं आया

बे-वज्ह न बदले थे मुसव्विर ने इरादे

अजीब दर्द का रिश्ता था सब के सब रोए

अजब नहीं दर-ओ-दीवार जैसे हो जाएँ

अभी तो मंसब-ए-हस्ती से मैं हटा ही नहीं

अभी फिर रहा हूँ मैं आप-अपनी तलाश में

अब आसमान भी कम पड़ रहे हैं उस के लिए

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