इस्माइल मेरठी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का इस्माइल मेरठी (page 3)
नाम | इस्माइल मेरठी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ismail Merathi |
जन्म की तारीख | 1844 |
मौत की तिथि | 1917 |
जन्म स्थान | Meerut |
होती नहीं फ़िक्र से कोई अफ़्ज़ाइश
हर ख़्वाहिश-ओ-अर्ज़-ओ-इल्तिजा से तौबा
हक़्क़ा कि बुलंद है मक़ाम-ए-अकबर
हक़ है तो कहाँ है फिर मजाल-ए-बातिल
है शुक्र दुरुस्त और शिकायत ज़ेबा
है इश्क़ से हुस्न की सफ़ाई ज़ाहिर
है बार-ए-ख़ुदा कि आलम-आरा तू है
गर रूह न पाबंद-ए-तअ'य्युन होती
गर नेक दिली से कुछ भलाई की है
गर जौर-ओ-जफ़ा करे तो इनआ'म समझ
फ़ितरत के मुताबिक़ अगर इंसाँ ले काम
इक आलम-ए-ख़्वाब ख़ल्क़ पर तारी है
दुनिया को न तू क़िबला-ए-हाजात समझ
दुनिया के लिए हैं सब हमारे धंदे
दुनिया का न खा फ़रेब वीराँ है ये
दीन और दुनिया का तफ़रक़ा है मोहमल
ढूँडा करे कोई लाख क्या मिलता है
देखा तो कहीं नज़र न आया हरगिज़
दर-अस्ल कहाँ है इख़्तिलाफ़-ए-अहवाल
चौपाए की तरह तू किताबों से न लद
चक्खी भी है तू ने दुर्द-ए-जाम-ए-तौहीद
बुरहान-ओ-दलील ऐन गुमराही है
बे-कार न वक़्त को गुज़ारो यारो
बंदा हूँ तो इक ख़ुदा बनाऊँ अपना
बा-ईं हमा-सादगी है पुरकारी भी
बदला नहीं कोई भेस नाचारी से
अस्लाफ़ का हिस्सा था अगर नाम-ओ-नुमूद
अपने ही दिल अपनों का दुखाते हैं बहुत
अल-हक़ कि नहीं है ग़ैर हरगिज़ मौजूद
अक्सर ने है आख़िरत की खेती बोई