निदा फ़ाज़ली कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का निदा फ़ाज़ली (page 2)
नाम | निदा फ़ाज़ली |
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अंग्रेज़ी नाम | Nida Fazli |
जन्म की तारीख | 1938 |
मौत की तिथि | 2016 |
जन्म स्थान | Mumbai |
जितनी बुरी कही जाती है उतनी बुरी नहीं है दुनिया
इतना सच बोल कि होंटों का तबस्सुम न बुझे
इस अँधेरे में तो ठोकर ही उजाला देगी
हम लबों से कह न पाए उन से हाल-ए-दिल कभी
हम भी किसी कमान से निकले थे तीर से
होश वालों को ख़बर क्या बे-ख़ुदी क्या चीज़ है
हर जंगल की एक कहानी वो ही भेंट वही क़ुर्बानी
हर घड़ी ख़ुद से उलझना है मुक़द्दर मेरा
हर एक बात को चुप-चाप क्यूँ सुना जाए
हर आदमी में होते हैं दस बीस आदमी
हमारा 'मीर'-जी' से मुत्तफ़िक़ होना है ना-मुम्किन
गिरजा में मंदिरों में अज़ानों में बट गया
घर से मस्जिद है बहुत दूर चलो यूँ कर लें
ग़म हो कि ख़ुशी दोनों कुछ दूर के साथी हैं
ग़म है आवारा अकेले में भटक जाता है
फ़ासला नज़रों का धोका भी तो हो सकता है
एक महफ़िल में कई महफ़िलें होती हैं शरीक
एक बे-चेहरा सी उम्मीद है चेहरा चेहरा
दुश्मनी लाख सही ख़त्म न कीजे रिश्ता
दूर के चाँद को ढूँडो न किसी आँचल में
दुनिया न जीत पाओ तो हारो न आप को
दुनिया जिसे कहते हैं जादू का खिलौना है
दिल में न हो जुरअत तो मोहब्बत नहीं मिलती
धूप में निकलो घटाओं में नहा कर देखो
बृन्दाबन के कृष्ण कन्हैया अल्लाह हू
बृन्दाबन के कृष्ण कन्हैय्या अल्लाह हू
बे-नाम सा ये दर्द ठहर क्यूँ नहीं जाता
बरसात का बादल तो दीवाना है क्या जाने
बहुत मुश्किल है बंजारा-मिज़ाजी
बाग़ में जाने के आदाब हुआ करते हैं