अब्दुल हमीद अदम कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अब्दुल हमीद अदम (page 5)
नाम | अब्दुल हमीद अदम |
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अंग्रेज़ी नाम | Abdul Hamid Adam |
जन्म की तारीख | 1910 |
मौत की तिथि | 1981 |
गिरते हैं लोग गर्मी-ए-बाज़ार देख कर
इक हसीं आँख के इशारे पर
दिल ख़ुश हुआ है मस्जिद-ए-वीराँ को देख कर
दिल अभी पूरी तरह टूटा नहीं
देखा है किस निगाह से तू ने सितम-ज़रीफ़
दरोग़ के इम्तिहाँ-कदे में सदा यही कारोबार होगा
छोड़ा नहीं ख़ुदी को दौड़े ख़ुदा के पीछे
बोले कोई हँस कर तो छिड़क देते हैं जाँ भी
बाज़ औक़ात किसी और के मिलने से 'अदम'
बारिश शराब-ए-अर्श है ये सोच कर 'अदम'
बढ़ के तूफ़ान को आग़ोश में ले ले अपनी
और तो दिल को नहीं है कोई तकलीफ़ 'अदम'
ऐ ग़म-ए-ज़िंदगी न हो नाराज़
ऐ दोस्त मोहब्बत के सदमे तन्हा ही उठाने पड़ते हैं
'अदम' रोज़-ए-अजल जब क़िस्मतें तक़्सीम होती थीं
आप इक ज़हमत-ए-नज़र तो करें
आँखों से पिलाते रहो साग़र में न डालो
आँख का ए'तिबार क्या करते
ज़ुल्फ़-ए-बरहम सँभाल कर चलिए
ज़ख़्म दिल के अगर सिए होते
ज़बाँ पर आप का नाम आ रहा था
ये कैसी सरगोशी-ए-अज़ल साज़-ए-दिल के पर्दे हिला रही है
वो सूरज इतना नज़दीक आ रहा है
वो जो तेरे फ़क़ीर होते हैं
वो बातें तिरी वो फ़साने तिरे
वो अहद-ए-जवानी वो ख़राबात का आलम
वो अबरू याद आते हैं वो मिज़्गाँ याद आते हैं
उन को अहद-ए-शबाब में देखा
तौबा का तकल्लुफ़ कौन करे हालात की निय्यत ठीक नहीं
तकलीफ़ मिट गई मगर एहसास रह गया