आदिल मंसूरी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का आदिल मंसूरी (page 2)
नाम | आदिल मंसूरी |
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अंग्रेज़ी नाम | Adil Mansuri |
जन्म की तारीख | 1936 |
मौत की तिथि | 2009 |
जन्म स्थान | Ahmadabad |
गिरते रहे नुजूम अंधेरे की ज़ुल्फ़ से
दरवाज़ा खटखटा के सितारे चले गए
दरवाज़ा बंद देख के मेरे मकान का
दरिया की वुसअतों से उसे नापते नहीं
दरिया के किनारे पे मिरी लाश पड़ी थी
चुप-चाप बैठे रहते हैं कुछ बोलते नहीं
बिस्मिल के तड़पने की अदाओं में नशा था
आवाज़ की दीवार भी चुप-चाप खड़ी थी
ऐसे डरे हुए हैं ज़माने की चाल से
वो मर गई थी
वक़्त की रेत पे
वक़्त की पीठ पर
वालिद के इंतिक़ाल पर
उफ़ुक़ की हथेली से सूरज न उभरे
टूटी लज़्ज़त की ख़ुशबू
तिलिस्मी ग़ार का दरवाज़ा
तंहाई
तंग तारीक गली में कुत्ता
सियाह सायों की तिश्नगी में
सियाह चाँद के टुकड़ों को मैं चबा जाऊँ
सितारा सो गया है
शुऊर नीली रुतूबतों में उलझ गया है
सातवीं पिसली में पीली चाँदनी
सफ़ेद रात से मंसूब है लहू का ज़वाल
साए की पिसली से निकला है जिस्म तिरा
रात और दिन के दरमियाँ कोई
पत्थर पर तस्वीर बना कर
नज़्म
नज़्म
नज़्म