अनवर शऊर कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का अनवर शऊर (page 2)
नाम | अनवर शऊर |
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अंग्रेज़ी नाम | Anwar Shuoor |
जन्म की तारीख | 1943 |
जन्म स्थान | Karachi |
किया बादलों में सफ़र ज़िंदगी भर
किसी ग़रीब को ज़ख़्मी करें कि क़त्ल करें
किस क़दर बद-नामियाँ हैं मेरे साथ
कहाँ है शैख़ को सुध-बुध मज़ीद पीने की
कह तो सकता हूँ मगर मजबूर कर सकता नहीं
कड़ा है दिन बड़ी है रात जब से तुम नहीं आए
कभी रोता था उस को याद कर के
जनाब के रुख़-ए-रौशन की दीद हो जाती
जनाब के रुख़-ए-रौशन की दीद हो जाती
इत्तिफ़ाक़ अपनी जगह ख़ुश-क़िस्मती अपनी जगह
इश्क़ तो हर शख़्स करता है 'शुऊर'
इस तअल्लुक़ में नहीं मुमकिन तलाक़
हम बुलाते वो तशरीफ़ लाते रहे
हो गए दिन जिन्हें भुलाए हुए
हमेशा हात में रहते हैं फूल उन के लिए
हैं पत्थरों की ज़द पे तुम्हारी गली में हम
गो मुझे एहसास-ए-तन्हाई रहा शिद्दत के साथ
गो कठिन है तय करना उम्र का सफ़र तन्हा
फ़रिश्तों से भी अच्छा मैं बुरा होने से पहले था
दोस्त कहता हूँ तुम्हें शाएर नहीं कहता 'शुऊर'
चले आया करो मेरी तरफ़ भी!
बुरा बुरे के अलावा भला भी होता है
बहुत इरादा किया कोई काम करने का
बहरूप नहीं भरा है मैं ने
अच्छों को तो सब ही चाहते हैं
अच्छा ख़ासा बैठे बैठे गुम हो जाता हूँ
आदमी के लिए रोना है बड़ी बात 'शुऊर'
आदमी बन के मिरा आदमियों में रहना
ज़हर की चुटकी ही मिल जाए बराए दर्द-ए-दिल
ये तन्हाई ये उज़्लत ऐ दिल ऐ दिल