बेख़ुद देहलवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का बेख़ुद देहलवी (page 1)
नाम | बेख़ुद देहलवी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Bekhud Dehlvi |
जन्म की तारीख | 1863 |
मौत की तिथि | 1955 |
जन्म स्थान | Delhi |
ज़माना हम ने ज़ालिम छान मारा
ज़ाहिदों से न बनी हश्र के दिन भी या-रब
ये कह के मेरे सामने टाला रक़ीब को
वो कुछ मुस्कुराना वो कुछ झेंप जाना
वफ़ा का नाम तो पीछे लिया है
उन्हें तो सितम का मज़ा पड़ गया है
उन के आते ही हुआ हसरत-ओ-अरमाँ का हुजूम
तुम्हारी याद मेरा दिल ये दिनों चलते पुर्ज़े हैं
तुम्हारे हाथ ख़ाली जेब ख़ाली ज़ुल्फ़ ख़ाली थी
तीर-ए-क़ातिल को कलेजे से लगा रक्खा है
तिरी तेग़ का लाल कर दूँगा मुँह
तकिया हटता नहीं पहलू से ये क्या है 'बेख़ुद'
सुन के सारी दास्तान-ए-रंज-ओ-ग़म
सवाल-ए-वस्ल पर कुछ सोच कर उस ने कहा मुझ से
सौदा-ए-इश्क़ और है वहशत कुछ और शय
सख़्त-जाँ हूँ मुझे इक वार से क्या होता है
रिंद-मशरब कोई 'बेख़ुद' सा न होगा वल्लाह
रक़ीबों के लिए अच्छा ठिकाना हो गया पैदा
राह में बैठा हूँ मैं तुम संग-ए-रह समझो मुझे
क़यामत है तिरी उठती जवानी
पढ़े जाओ 'बेख़ुद' ग़ज़ल पर ग़ज़ल
नज़र कहीं है मुख़ातब किसी से हैं दिल में
नौ-गिरफ़्तार-ए-मोहब्बत हूँ वफ़ा मुझ में कहाँ
नमक भर कर मिरे ज़ख़्मों में तुम क्या मुस्कुराते हो
नामा-बर ये तो कही बात पते की तू ने
न देखना कभी आईना भूल कर देखो
न देखे होंगे रिंद-ए-ला-उबाली तुम ने 'बेख़ुद' से
मुँह फेर कर वो कहते हैं बस मान जाइए
मुँह में वाइज़ के भी भर आता है पानी अक्सर
मुझ को न दिल पसंद न वो बेवफ़ा पसंद