Coupletss of Riyaz Khairabadi (page 3)
नाम | रियाज़ ख़ैराबादी |
---|---|
अंग्रेज़ी नाम | Riyaz Khairabadi |
जन्म की तारीख | 1853 |
मौत की तिथि | 1934 |
जन्म स्थान | Khairabad |
कह के मैं दिल की कहानी किस क़दर खोया गया
जिस दिन से हराम हो गई है
जाम है तौबा-शिकन तौबा मिरी जाम-शिकन
इतनी पी है कि ब'अद-ए-तौबा भी
इस वास्ते कि आव-भगत मय-कदे में हो
इस से अच्छे दश्त-ए-सहरा इस से अच्छे गर्द-बाद
इस हज में वो बुत भी साथ होगा
हम ने देखा तरफ़-ए-मय-कदा जाते थे 'रियाज़'
हम को 'रियाज़' जानते हैं मानते हैं सब
हम जाम-ए-मय के भी लब तर चूसते नहीं
हम जानते हैं लुत्फ़-ए-तक़ाज़ा-ए-मय-फ़रोश
हम बंद किए आँख तसव्वुर में पड़े हैं
हिन्दोस्ताँ में धूम है किस की ज़बान की
हाथ रक्खा मैं ने सोते में कहाँ
हमारी आँखों में आओ तो हम दिखाएँ तुम्हें
है भी कुछ या नहीं मैं हाथ लगा कर देखूँ
घर में पहुँचा था कि आई नज्द से आवाज़-ए-क़ैस
घर में दस हों तो ये रौनक़ नहीं होगी घर में
ग़म मुझे देते हो औरों की ख़ुशी के वास्ते
ग़लत है आप न थे हम-कलाम ख़ल्वत में
एक वाइज़ है कि जिस की दावतों की धूम है
दिल-जलों से दिल-लगी अच्छी नहीं
धोके से पिला दी थी उसे भी कोई दो घूँट
देखिएगा सँभल कर आईना
दर्द हो तो दवा करे कोई
डराता है हमें महशर से तू वाइज़ अरे जा भी
डर है न दुपट्टा कहीं सीने से सरक जाए
छुपता नहीं छपाने से आलम उभार का
भर भर के जाम बज़्म में छलकाए जाते हैं
बहार आते ही फूलों ने छावनी छाई