साहिर लुधियानवी कविता, ग़ज़ल तथा कविताओं का साहिर लुधियानवी (page 3)
नाम | साहिर लुधियानवी |
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अंग्रेज़ी नाम | Sahir Ludhianvi |
जन्म की तारीख | 1921 |
मौत की तिथि | 1980 |
जन्म स्थान | Mumbai |
इस रेंगती हयात का कब तक उठाएँ बार
हम से अगर है तर्क-ए-तअल्लुक़ तो क्या हुआ
हम तो समझे थे कि हम भूल गए हैं उन को
हम जुर्म-ए-मोहब्बत की सज़ा पाएँगे तन्हा
हम ग़म-ज़दा हैं लाएँ कहाँ से ख़ुशी के गीत
हज़ार बर्क़ गिरे लाख आँधियाँ उट्ठें
हर-चंद मिरी क़ुव्वत-ए-गुफ़्तार है महबूस
हर एक दौर का मज़हब नया ख़ुदा लाया
हमीं से रंग-ए-गुलिस्ताँ हमीं से रंग-ए-बहार
ग़म और ख़ुशी में फ़र्क़ न महसूस हो जहाँ
गर ज़िंदगी में मिल गए फिर इत्तिफ़ाक़ से
इक शहंशाह ने दौलत का सहारा ले कर
दुनिया ने तजरबात ओ हवादिस की शक्ल में
दुल्हन बनी हुई हैं राहें
दिल के मुआमले में नतीजे की फ़िक्र क्या
देखा है ज़िंदगी को कुछ इतने क़रीब से
चंद कलियाँ नशात की चुन कर मुद्दतों महव-ए-यास रहता हूँ
बे पिए ही शराब से नफ़रत
बस अब तो दामन-ए-दिल छोड़ दो बेकार उम्मीदो
बर्बादियों का सोग मनाना फ़ुज़ूल था
औरत ने जनम दिया मर्दों को मर्दों ने उसे बाज़ार दिया
अपनी तबाहियों का मुझे कोई ग़म नहीं
अँधेरी शब में भी तामीर-ए-आशियाँ न रुके
अभी ज़िंदा हूँ लेकिन सोचता रहता हूँ ख़ल्वत में
अभी न छेड़ मोहब्बत के गीत ऐ मुतरिब
अब आएँ या न आएँ इधर पूछते चलो
आप दौलत के तराज़ू में दिलों को तौलें
ये महलों ये तख़्तों ये ताजों की दुनिया
यकसूई
वो सुब्ह कभी तो आएगी