Coupletss of Afzal Khan

Coupletss of Afzal Khan
नामअफ़ज़ल ख़ान
अंग्रेज़ी नामAfzal Khan
जन्म की तारीख1975

ज़रा ये दूसरा मिस्रा दुरुस्त फ़रमाएँ

ये नुक्ता इक क़िस्सा-गो ने मुझ को समझाया

ये मोहब्बत के महल ता'मीर करना छोड़ दे

ये कह दिया है मिरे आँसुओं ने तंग आ कर

ये जो कुछ लोग ख़यालों में रहा करते हैं

ये भी ख़ुद को हौसला देने का हीला है कि मैं

तू रोज़ जिस के तजस्सुस में आ रहा है यहाँ

तू मुझे तंग न कर ए दिल-ए-आवारा-मिज़ाज

तू भी सादा है कभी चाल बदलता ही नहीं

तिरी मसनद पे कोई और नहीं आ सकता

तेरे जाने से ज़्यादा हैं न कम पहले थे

तभी तो मैं मोहब्बत का हवालाती नहीं होता

शिकस्त-ए-ज़िंदगी वैसे भी मौत ही है ना

सज़ा-ए-मौत पे फ़रियाद से तो बेहतर है

साथियो अब मुझे रस्ते में उतरना होगा

परिंदे लड़ ही पड़े जाएदाद पर आख़िर

नहीं था ध्यान कोई तोड़ते हुए सिगरेट

मुझे रोना नहीं आवाज़ भी भारी नहीं करनी

मैं ख़ुद भी यार तुझे भूलने के हक़ में हूँ

लोगों ने आराम किया और छुट्टी पूरी की

किसी ने ख़्वाब में आकर मुझे ये हुक्म दिया

जाने क्या क्या ज़ुल्म परिंदे देख के आते हैं

इतनी सारी यादों के होते भी जब दिल में

इसी लिए हमें एहसास-ए-जुर्म है शायद

हमारे साँस भी ले कर न बच सके अफ़ज़ल

हमारा दिल ज़रा उकता गया था घर में रह रह कर

इक वडेरा कुछ मवेशी ले के बैठा है यहाँ

डुबो रहा है मुझे डूबने का ख़ौफ़ अब तक

दालान में सब्ज़ा है न तालाब में पानी

छोड़ कर मुझ को तिरे सहन मैं जा बैठा है

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