Rubaais of Ismail Merathi (page 2)
नाम | इस्माइल मेरठी |
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अंग्रेज़ी नाम | Ismail Merathi |
जन्म की तारीख | 1844 |
मौत की तिथि | 1917 |
जन्म स्थान | Meerut |
जो साहिब-ए-मक्रमत थे और दानिश-मंद
जो चाहिए वो तो है अज़ल से मौजूद
जिस दर्जा हो मुश्किलात की तुग़्यानी
जब तक कि सबक़ मिलाप का याद रहा
जब गू-ए-ज़मीं ने उस पे डाला साया
इसराफ़ से एहतिराज़ अगर फ़रमाते
इंसाँ को चाहिए न हिम्मत हारे
इंकार न इक़रार न तस्दीक़ न ईजाब
इख़्फ़ा के लिए है इस क़दर जोश-ओ-ख़रोश
ईद-ए-रमज़ाँ है आज बा-ऐश-ओ-सुरूर
ईद-ए-क़ुर्बां है आज ऐ अहल-ए-हमम
हम आलम-ए-ख़्वाब में हैं या हम हैं ख़्वाब
होती नहीं फ़िक्र से कोई अफ़्ज़ाइश
हर ख़्वाहिश-ओ-अर्ज़-ओ-इल्तिजा से तौबा
हक़्क़ा कि बुलंद है मक़ाम-ए-अकबर
हक़ है तो कहाँ है फिर मजाल-ए-बातिल
है शुक्र दुरुस्त और शिकायत ज़ेबा
है इश्क़ से हुस्न की सफ़ाई ज़ाहिर
है बार-ए-ख़ुदा कि आलम-आरा तू है
गर रूह न पाबंद-ए-तअ'य्युन होती
गर नेक दिली से कुछ भलाई की है
गर जौर-ओ-जफ़ा करे तो इनआ'म समझ
फ़ितरत के मुताबिक़ अगर इंसाँ ले काम
इक आलम-ए-ख़्वाब ख़ल्क़ पर तारी है
दुनिया को न तू क़िबला-ए-हाजात समझ
दुनिया के लिए हैं सब हमारे धंदे
दुनिया का न खा फ़रेब वीराँ है ये
दीन और दुनिया का तफ़रक़ा है मोहमल
ढूँडा करे कोई लाख क्या मिलता है
देखा तो कहीं नज़र न आया हरगिज़